भगवान कृष्ण की मृत्यु का कारण क्या था? इस सवाल का जवाब देने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि भगवान कृष्ण कौन थे और उनका जीवन कैसा था।
भगवान कृष्ण भारतीय संस्कृति में एक महान अवतार हैं। उन्होंने महाभारत युद्ध में पांडवों की मदद करते हुए अपनी ब्रह्मचर्य जीवन जीती और अपनी वाणी से लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान दिया। उनके बाल जीवन में उन्होंने गोपियों से खेलते हुए बचपन बिताया और उनके युवावस्था में उन्होंने राधा जैसी अपनी प्रिय सखी के साथ रास लीला की।
लेकिन उनकी मृत्यु कैसे हुई? भगवान कृष्ण की मृत्यु महाभारत युद्ध के बाद हुई थी। उनके चारों बाहुओं में एक तीर हुआ था जो उन्हें बहुत दर्द दे रहा था। इसके बाद भगवान कृष्ण ने शिष्य उद्धव को अपना संदेशवाहक बनाया और उन्हें ब्रह्मलोक में भगवान ब्रह्मा से मिलने का आदेश दिया।
उद्धव ने ब्रह्मलोक में भगवान ब्रह्मा से मिलकर जाना कि भगवान कृष्ण अपनी अवतार समाप्ति के लिए तैयार हैं। उन्होंने उद्धव को बताया कि भगवान कृष्ण का अस्थान धर्मराज यमलोक में होगा और उन्हें जल्द ही स्वर्ग का दर्शन करने का मौका मिलेगा।
इसके बाद भगवान कृष्ण ने समस्त गोपों, गोपियों और उनके शिष्यों को अलविदा कहा और यमलोक में चले गए। यमलोक में उन्हें धर्मराज ने स्वर्ग का दर्शन कराया और उन्हें अपनी सभा में अपने उत्तरदायित्व के बारे में बताया।
यमलोक में भगवान कृष्ण ने अपने शरीर को छोड़ दिया और अपने अनंत रूप में वापस चले गए। इस प्रकार भगवान कृष्ण की मृत्यु हुई थी।
इस तरह से भगवान कृष्ण की मृत्यु एक अद्भुत और आध्यात्मिक घटना थी। उनकी निर्यातन से पूर्व उन्होंने अपना संदेश और ज्ञान अपने शिष्यों के साथ साझा किया था जो आज भी लोगों को प्रेरित करता है।