भारत एक ऐसा देश है जहां अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। यहां कुछ लोग एक ही भाषा में बोलते हैं, जबकि कुछ लोग दो या तीन भाषाओं का भी इस्तेमाल करते हैं। भारत की भाषाओं की संख्या बहुत अधिक है और यहां पर कई राज्यों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं।
भारत में कुल 22 अधिकांश भाषाएं हैं। इनमें से 2 भाषाएं राज्य भाषाएं हैं, जो कि हिंदी और अंग्रेज़ी हैं। अन्य भाषाओं में अलग-अलग राज्यों में बोली जाती हैं। भारत की मुख्य भाषाएं हिंदी, अंग्रेज़ी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मराठी, गुजराती, कन्नड़, उड़िया, पंजाबी, कश्मीरी और भोजपुरी हैं।
भारत की भाषाओं को विभिन्न वर्गों में बाँटा जा सकता है, जैसे कि आर्य भाषाएं, ड्रविड़ भाषाएं, तिब्बती भाषाएं और अन्य भाषाएं। इसके अलावा, भारत में भाषाओं के अन्य उपभाग भी होते हैं, जैसे कि उच्च भाषाएं, मध्य भाषाएं और निम्न भाषाएं।
भारत में अलग-अलग राज्यों में बोली जाने वाली भाषाएं अलग-अलग विकास और प्रगति की दिशा में हैं। उदाहरण के लिए, तमिल भाषा तमिलनाडु में बोली जाती है और तमिलनाडु में तमिल भाषा के विकास का स्तर बहुत उच्च है। इसी तरह, महाराष्ट्र में मराठी भाषा का विकास भी बहुत अच्छा है।
भारत में भाषाएं बोलने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है। भारत में अलग-अलग भाषाओं के लोग रहते हैं, जो एक दूसरे से अलग होते हैं। इसके अलावा, भारत में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं, जो देश की संस्कृति और इतिहास की विविधता को दर्शाती हैं।
इसलिए, भारत में कुल अधिकांश भाषाएं होने के बावजूद, हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा को सभी राज्यों में समझा जाता है। भारत में भाषाओं का विविधता एक अद्भुत चीज है जो भारत को दुनिया के अन्य देशों से अलग बनाती है।
इस तरह से, भारत में कुल 22 अधिकांश भाषाएं होती ह